हालांकि, क्रेडिटसाइट्स के विश्लेषकों का मानना है कि अडानी समूह के बैंकों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासन के साथ मजबूत संबंध हैं और इस वजह से समूह को राहत मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में प्रभुत्व हासिल करने के लिए अडानी समूह और मुकेश अंबानी की रिलायंस के बीच संभावित मजबूत प्रतिस्पर्धा से भी असर पड़ने की आशंका है।